शहनाइयों की गूंज के साथ बढ़ेगा कारोबार; इस शादी सीजन हो सकता है 3.75 लाख करोड़ का व्यापार
Wedding Season: शादियों के सीजन में कैट को अनुमान है कि इस सीजन में 3.75 लाख करोड़ रुपए तक का बिजनेस हो सकता है. ऐसे में दिल्ली में शादियों की संख्या काफी ज्यादा है और यहां भी करोड़ों का बिजनेस हो सकता है.
Wedding Season: दिवाली का सीजन खत्म हो चुका है और अब शादियों के सीजन की बारी है. दिवाली के सीजन में हुए जोरदार बिजनेस का माहौल देखकर दिल्ली समेत देशभर के कई सारे व्यापारी शादी के सीजन की बिक्री में जुट गए हैं. 4 नवंबर देवउठान एकादशी से 14 दिसंबर 2022 लगभग 40 दिनों के शादियों का पहला चरण शुरू हो गया है, जिसमें देश भर में लगभग 32 लाख शादियों होने का अनुमान है और इस सीजन में लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होना आंका जा रहा है. कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की अकेले दिल्ली में इस सीजन में लगभग 3.50 लाख से ज्यादा शादियों होने का अनुमान है जिससे दिल्ली में ही लगभग 75000 करोड़ रुपए का व्यापार हो सकता है.
इन दिनों होंगी शादियां
पिछले साल इस चरण में देश भर में लगभग 25 लाख शादियां हुई थी और लगभग 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार हुआ था. यह आंकड़ा कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा हाल ही में देश के कुछ शहरों में व्यापारियों एवं सर्विस प्रोवाइडर्स के बीच कराए गए एक सर्वे के द्वारा लिया गया है. कैट की आध्यात्मिक और वैदिक ज्ञान कमेटी के चेयरमैन, प्रकांड वेद मर्मज्ञ और देश के विख्यात ज्योतिषाचार्य आचार्य श्री दुर्गेश तारे ने बताया की तारों की गणना के अनुसार नवम्बर महीने में 20,21,24,25,27,29 एवं 30 नवम्बर तथा दिसंबर के महीने में 4,5,7,8,9, 14 दिसंबर शादियां कराने के सबसे उपयुक्त दिन है.
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बड़ी मात्रा में होगा इन चीजों का व्यापार
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा की शादियों के सीजन के अच्छे व्यापार की संभावनाओं को देखते हुए बताया की हर शादी का लगभग 20 प्रतिशत खर्च वधू और वरपक्ष को जाता है जबकि 80 प्रतिशत खर्च शादी को सम्पन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है. भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने बताया की शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत, पेंट, फ़र्निशिंग, साज सज्जा आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है वहीं ख़ास तौर पर ज्वेलरी, साड़ियां, लहंगे -चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी और ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट,मिठाइयां, फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, फर्नीचर, किराना, गिफ्ट आइटम्स, खाद्यान, डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में हर साल होता है.
महंगी शादी से इन व्यवसायों को होगा ज्यादा फायदा
भरतिया और खंडेलवाल ने बताया की दिल्ली सहित देश भर में बैंक्वेट हाल, होटल, खुले लॉन, फार्म हाउस, सरकारी सामुदायिक भवन, सार्वजनिक पार्क, रिहायशी कॉलोनियों में स्थित पार्क, क्लब और शादियों के लिए दूसरे अनेक प्रकार के स्थान को भी बड़ा व्यापार मिलता है. इसके अलावा टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट वाले सहित अन्य अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़े पैमाने व्यापार मिलता है. विशेष रूप से पंडितों, शादी कराने वाले ज्ञानवान लोगों के लिए भी शादियों का सीजन एक बड़ी आमदनी का ज़रिया बन गया है वहीं इवेंट मैनज्मेंट एजेंसियों के लिए भी यह एक बड़े व्यापार के रूप में उभरा है.
50000 शादियों में खर्च होगा 1 करोड़ रुपए
उन्होंने बताया की इस एक महीने के शादी के सीजन में लगभग 6 लाख शादियों में हर शादी में लगभग 3 लाख रुपए खर्च होंगे वहीं लगभग 10 लाख शादियों में प्रति शादी खर्च लगभग 5 लाख प्रति शादी होगा. 10 लाख शादियां जिनमें 10 लाख प्रति शादी, 5 लाख शादियां जिनमें 25 लाख प्रति शादी, 50 हज़ार शादियाँ जिनमें लगभग 50 लाख प्रति शादी और 50 हजार शादियां ऐसी होंगी जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होगा.
03:20 PM IST